नई दिल्ली, 1 नवंबर 2023: करवा चौथ का त्योहार हिंदू धर्म में सुहागिनों का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। इस दिन सुहागिने अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। करवा चौथ 2023 बुधवार, 1 नवंबर को मनाया जाएगा। चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 15 मिनट है।
करवा चौथ का शुभ मुहूर्त
करवा चौथ का व्रत रखने का सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 33 मिनट से शाम 6 बजकर 54 मिनट तक है। इस दौरान सुहागिने करवा चौथ की पूजा करती हैं और अपने पति के लिए व्रत रखती हैं।
करवा चौथ व्रत की तैयारियां
करवा चौथ के व्रत की तैयारी महिलाएं कई दिनों पहले से शुरू कर देती हैं। वे व्रत के लिए आवश्यक सामग्री खरीदती हैं और अपने घरों को सजाती हैं। करवा चौथ की तारीख तय होने के बाद, महिलाएं अपने पति के लिए एक करवा और थाली खरीदती हैं। करवा एक मिट्टी का बर्तन होता है जिसमें गेहूं के दाने भरे जाते हैं। थाली में सूखे मेवे, मिठाई, चावल, रोटी, फल, और अन्य सामग्री रखी जाती है।
करवा चौथ व्रत की सामग्री
करवा चौथ व्रत के लिए आवश्यक सामग्री इस प्रकार है:
- करवा
- सुहाग सामग्री (मेहंदी, बिंदी, चूड़ियां, बिछिया, सिंदूर, आदि)
- मिठाई
- प्रसाद
- फूल
- धूप
- दीप
- चावल
- अक्षत
- रोली
- मौली
करवा चौथ की पूजा विधि
करवा चौथ की पूजा विधि इस प्रकार है:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- अपने घर को साफ-सुथरा करें और पूजा की तैयारी करें।
- करवा चौथ की पूजा की थाली में करवा, रोली, चावल, कलावा, सूजी का हलवा, मिठाई, फल, दीपक, धूप, अगरबत्ती, फूल, और जल रखें।
- भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
- अपने पति की तस्वीर के सामने करवा रखें और उसमें जल भरें।
- चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें।
- अपने पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलें।
करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ का त्योहार सुहागिनों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस दिन सुहागिने अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। करवा चौथ की पूजा से सुहागिनों के पति की आयु बढ़ती है और उनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।
करवा चौथ की कथा
करवा चौथ की कथा इस प्रकार है:
एक समय की बात है, एक सुहागिन महिला थी जिसका नाम था सावित्री। उसके पति का नाम सत्यवान था। सत्यवान बहुत ही अच्छा और दयालु व्यक्ति था। एक दिन सत्यवान को यमराज ने बुलाया। सावित्री अपने पति को खोने से बहुत दुखी थी। उसने यमराज से अपने पति की जान देने के लिए कहा। यमराज ने सावित्री के सतीत्व से प्रसन्न होकर उसे अपने पति की जान देने का वरदान दिया।
करवा चौथ की कथा से यह संदेश मिलता है कि पति के लिए पत्नी का त्याग और प्रेम कितना महान है।
करवा चौथ की Sargi
करवा चौथ के दिन, महिलाओं को उनके ससुराल से Sargi आती है। Sargi में सुहाग सामग्री, मिठाई, और अन्य उपहार शामिल होते हैं।
करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ का व्रत हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह व्रत महिलाओं के लिए अपने पति के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। यह व्रत महिलाओं को अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करने का एक अवसर प्रदान करता है।
करवा चौथ की सावधानियां
करवा चौथ के दिन सुहागिनों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे:
- करवा चौथ के दिन व्रती को पूरे दिन निराहार रहना चाहिए।
- व्रती को किसी भी तरह का गहरा रंग नहीं लगाना चाहिए।
- व्रती को दिन में सोना नहीं चाहिए।
- व्रती को किसी भी तरह की अश्लील बातें नहीं करनी चाहिए।
करवा चौथ का त्योहार सुहागिनों के लिए एक विशेष त्योहार है। इस दिन सुहागिनें अपने पति के लिए व्रत रखती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती से अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत सुहागिनों के लिए एक विशेष अवसर है। यह व्रत उन्हें अपने पति के प्रति अपने प्रेम और समर्पण को व्यक्त करने का अवसर देता है। यह व्रत उन्हें अपने पति की लंबी आयु और सुखमय जीवन की कामना करने का अवसर भी देता है।