संस्कृति

करवा चौथ 2023: सुहागिनों ने निर्जला व्रत रखकर अपने पति की दीर्घायु की कामना

नई दिल्ली, 1 नवंबर 2023: हिंदू धर्म में करवा चौथ का व्रत एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

करवा चौथ 2023 बुधवार, 1 नवंबर को मनाया गया। इस दिन देशभर में सुहागिनों ने सूर्योदय से पहले सरगी खाकर व्रत की शुरुआत की। पूरे दिन निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को चंद्रमा को देखकर व्रत खोला।

करवा चौथ के दिन सुहागिनें अपने परिवार के साथ मिलकर व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं पीले रंग के कपड़े पहनती हैं और सोलह श्रृंगार करती हैं। शाम को चंद्रमा को देखने के बाद सुहागिनें अपने पति को छलनी से देखा करती हैं।

करवा चौथ के दिन महिलाओं के लिए कई तरह की कथाएँ और मान्यताएँ प्रचलित हैं। एक मान्यता के अनुसार, करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत रखने से पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि मिलती है।

करवा चौथ के अवसर पर देशभर में कई तरह के आयोजन किए गए। दिल्ली में, सुहागिनों ने इंडिया गेट पर व्रत रखा और चंद्रमा को देखा। मुंबई में, सुहागिनों ने मरीन ड्राइव पर व्रत रखा और चंद्रमा को देखा।

करवा चौथ के दिन सुहागिनों ने सोशल मीडिया पर भी अपने व्रत की तस्वीरें और वीडियो शेयर किए। इस दिन सोशल मीडिया पर #HappyKarvaChauth और #KarvaChauth ट्रेंड कर रहे थे।

करवा चौथ के दिन महिलाओं ने अपने पति के लिए निर्जला व्रत रखा। यह एक ऐसी परंपरा है जो सदियों से चली आ रही है। करवा चौथ के दिन महिलाएं अपने पति के स्वास्थ्य और लंबी आयु की कामना करती हैं

हिंदू धर्म में करवा चौथ का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ का व्रत सुहागिनों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन महिलाएं अपने पति के लिए व्रत रखती हैं और चंद्रोदय के बाद ही व्रत खोलती हैं।

करवा चौथ का इतिहास

करवा चौथ का इतिहास प्राचीन काल से चला आ रहा है। इस पर्व की कथा के अनुसार, करवा नाम की एक महिला थी। उसकी शादी मलखान नाम के एक युवक से हुई थी। मलखान युद्ध में वीरगति को प्राप्त हो गया। करवा ने अपने पति की लाश को घर लाकर रख दिया और पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखना शुरू कर दिया। करवा के व्रत से प्रसन्न होकर भगवान शिव और माता पार्वती ने मलखान को जीवनदान दिया।

करवा चौथ का महत्व

करवा चौथ का पर्व सुहागिनों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। करवा चौथ के व्रत को रखने से सुहागिनों को अपने पति का प्रेम और आशीर्वाद प्राप्त होता है।

करवा चौथ की पूजा विधि

करवा चौथ के दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और नए कपड़े पहनती हैं। इसके बाद वे अपने पति के लिए व्रत का संकल्प लेती हैं। करवा चौथ की पूजा शाम को चंद्रोदय के समय की जाती है। पूजा में करवा चौथ की कथा पढ़ी जाती है और पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना की जाती है। पूजा के बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और व्रत खोलती हैं।

करवा चौथ का प्रसाद

करवा चौथ के दिन सुहागिनें अपने पति के लिए प्रसाद बनाती हैं। इस प्रसाद में मुख्य रूप से हलवा, पूरी, और मिठाई होती है। चंद्रोदय के बाद सुहागिनें अपने पति को प्रसाद खिलाती हैं।

करवा चौथ के त्योहार की तैयारी

करवा चौथ के त्योहार की तैयारी महिलाएं पहले से ही शुरू कर देती हैं। वे अपने लिए नए कपड़े और आभूषण खरीदती हैं। साथ ही वे करवा चौथ की पूजा के लिए सामग्री भी खरीदती हैं।

करवा चौथ पर सुहागिनों की खुशी

करवा चौथ के दिन सुहागिनें बहुत खुश होती हैं। वे अपने पति के लिए व्रत रखती हैं, और उनकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

करवा चौथ पर सुहागिनों के लिए टिप्स

करवा चौथ का व्रत एक कठिन व्रत है। इस दिन महिलाओं को निर्जला रहना पड़ता है। ऐसे में महिलाओं को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:

व्रत रखने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
व्रत के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
हल्का और पौष्टिक भोजन करें।
व्रत खोलने के बाद धीरे-धीरे खाना शुरू करें।

करवा चौथ की शुभकामनाएं

करवा चौथ के इस पावन अवसर पर सभी सुहागिनों को हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान शिव और माता पार्वती आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें।

निष्कर्ष

करवा चौथ सुहागिनों के लिए एक विशेष पर्व है। इस दिन महिलाएं अपने पति के लिए व्रत रखती हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। करवा चौथ का व्रत एक कठिन व्रत है, लेकिन इस दिन महिलाओं को अपने पति के प्रति समर्पण और प्रेम को दर्शाने का मौका मिलता है।

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