केरल पुलिस ने केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के खिलाफ धार्मिक नफरत फैलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। चंद्रशेखर पर एक टीवी चैनल पर दिए गए एक बयान के लिए आरोप लगाया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है।
एफआईआर केरल के साइबर सेल ने दर्ज की है। पुलिस ने कहा कि चंद्रशेखर के बयान ने सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास किया है।
चंद्रशेखर ने बयान के लिए माफी मांगी है और कहा है कि वह किसी भी तरह से सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा नहीं देना चाहते थे। उन्होंने कहा कि उनका बयान गलत तरीके से व्याख्या किया गया है।
केरल पुलिस ने केंद्रीय मंत्री रविचंद्र सेखर के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में धार्मिक नफरत फैलाने वाले भाषण दिए।
पुलिस ने कहा कि प्राथमिकी केरल के कलामस्सेरी शहर में दर्ज की गई है। आरोप है कि सेखर ने 27 अक्टूबर को एक ईसाई समूह के सम्मेलन केंद्र में एक कार्यक्रम में भाग लिया था। कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने कथित तौर पर इस्लाम और मुस्लिमों के बारे में आपत्तिजनक बयान दिए।
पुलिस ने कहा कि चंद्रशेखर के भाषण की एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। क्लिप में, सेखर को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मुस्लिम भारत को “विभाजित करने” की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम “हिंसा और आतंकवाद” के लिए जिम्मेदार हैं।
पुलिस ने कहा कि प्राथमिकी के तहत सेखर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए (धार्मिक नफरत फैलाने वाला भाषण) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
राजीव चंद्रशेखर ने आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई आपत्तिजनक बयान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि उनका भाषण “सामाजिक सद्भाव और शांति” को बढ़ावा देने के लिए था।
चंद्रशेखर के खिलाफ प्राथमिकी के बाद, केरल में राजनीतिक और धार्मिक हलकों में नाराजगी है। विपक्षी दलों ने सेखर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
एफआईआर के कारण
चंद्रशेखर पर आरोप है कि उन्होंने 27 अक्टूबर 2023 को एक टीवी चैनल पर दिए गए एक बयान में कहा था कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है। उन्होंने कहा था कि भारत में हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोगों की संख्या सबसे अधिक है, और इसलिए भारत एक हिंदू राष्ट्र है।
इस बयान को कुछ लोगों ने आपत्तिजनक बताया और कहा कि यह सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास है। उन्होंने चंद्रशेखर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
एफआईआर के तहत आरोप
चंद्रशेखर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। यह धारा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले किसी भी कार्य को दंडनीय बनाती है।
चंद्रशेखर का बचाव
चंद्रशेखर ने बयान के लिए माफी मांगी है और कहा है कि वह किसी भी तरह से सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा नहीं देना चाहते थे। उन्होंने कहा कि उनका बयान गलत तरीके से व्याख्या किया गया है।
चंद्रशेखर ने कहा, “मेरा बयान गलत तरीके से व्याख्या किया गया है। मैं किसी भी तरह से सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा नहीं देना चाहता था। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।”
एफआईआर के बाद की स्थिति
चंद्रशेखर के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद, सोशल मीडिया पर भारी प्रतिक्रिया हुई है। कुछ लोगों ने चंद्रशेखर के समर्थन में ट्वीट किया है, जबकि अन्य ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है।
केरल पुलिस ने कहा है कि वह मामले की जांच कर रही है और जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
राजीव चंद्रशेखर ने आरोपों से किया इनकार
चंद्रशेखर ने आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई आपत्तिजनक बयान नहीं दिया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि उन्होंने केवल भारत की सुरक्षा और संप्रभुता के बारे में चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि वह किसी भी समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं।
मामले का राजनीतिकरण
मामले का राजनीतिकरण हो गया है। विपक्षी दलों ने चंद्रशेखर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
कांग्रेस पार्टी ने कहा कि चंद्रशेखर ने एक गैर-जिम्मेदाराना बयान दिया है। पार्टी ने कहा कि चंद्रशेखर को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि चंद्रशेखर के खिलाफ मामला दर्ज करना एक राजनीतिक साजिश है। पार्टी ने कहा कि चंद्रशेखर ने कोई आपत्तिजनक बयान नहीं दिया है।
मामले के आगे के नतीजे
यह देखना बाकी है कि मामले के आगे क्या होता है। अगर चंद्रशेखर को दोषी पाया जाता है, तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है।