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भाई दूज कब है? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

भाई दूज कब है?

भाई दूज एक हिंदू त्योहार है जो भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। यह त्योहार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल भाई दूज 14 और 15 नवंबर, 2023 को मनाई जाएगी।

भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र और सुखमय जीवन की कामना करती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं।

भाई दूज का त्योहार भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को घर बुलाती हैं और उनका स्वागत करती हैं। वे भाइयों के लिए पारंपरिक व्यंजन बनाती हैं और उन्हें भेंट देती हैं।

भाई दूज के दिन बहनें अपने भाईयों के लिए विशेष व्यंजन भी बनाती हैं। भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के बंधन को मजबूत करने का एक अवसर है। यह एक दिन है जब बहनें अपने भाईयों के प्रति अपना प्यार और सम्मान व्यक्त करती हैं।

भाई दूज का महत्व

भाई दूज का त्योहार हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह भाई-बहन के बंधन का प्रतीक है। इस दिन, बहनें अपने भाईयों को तिलक लगाती हैं और उन्हें उपहार देती हैं। भाई अपनी बहनों को आशीर्वाद देते हैं और उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के बीच प्रेम, सम्मान और बंधुत्व को बढ़ावा देता है। यह एक ऐसा दिन है जब बहनें अपने भाईयों के प्रति अपने प्यार और देखभाल को व्यक्त करती हैं।

भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। यह त्योहार बहनों को अपने भाइयों के प्रति अपने प्रेम और सम्मान को व्यक्त करने का अवसर देता है।

भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र और सुखमय जीवन की कामना करती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं।

भाई दूज की तिथि और शुभ मुहूर्त

  • तिथि: कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया
  • दिन: बुधवार
  • तारीख: 15 नवंबर, 2023
  • राहुकाल: दोपहर 12:03 से 01:24 बजे तक
  • शुभ मुहूर्त: सुबह 06:44 से 09:24 बजे तक

भाई दूज की पूजा विधि

भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को सुबह जल्दी उठकर स्नान कराती हैं। फिर, वे उन्हें नए कपड़े पहनाती हैं। उसके बाद, बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और उनकी आरती करती हैं।

भाई दूजों को मीठे पकवान खिलाए जाते हैं। बहनें अपने भाइयों को उपहार भी देती हैं।

भाई दूज के दिन भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं। वे अपनी बहनों की रक्षा का वचन भी देते हैं।

भाई दूज की कहानी

भाई दूज की कहानी यमी और यमराज से जुड़ी हुई है। यमी और यमराज यमलोक के राजा और रानी थे। यमी के पास एक बहन थी जिसका नाम यमुना था। यमुना अपने भाई से बहुत प्यार करती थी।

एक दिन, यमुना अपने भाई यमराज से मिलने यमलोक गई। यमराज ने अपनी बहन को बहुत प्यार से गले लगाया। यमुना ने अपने भाई की लंबी उम्र और सुखमय जीवन की कामना की।

यमराज ने अपनी बहन की कामना को पूरा करने का वचन दिया। उन्होंने कहा कि जो भी भाई अपने बहनों से भाई दूज के दिन तिलक करवाएगा, उसकी आयु बढ़ेगी और उसे सुखमय जीवन मिलेगा।

इसलिए, भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र और सुखमय जीवन की कामना करती हैं।

भाई दूज की शुभकामनाएं

भाई दूज के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। इस दिन आप सभी के भाई-बहनों की लंबी उम्र और सुखमय जीवन की कामना करता हूं।

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